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Home मध्य प्रदेश अस्पताल कांड के आरोपी पूर्व विधायक व नपा अध्यक्ष सहित सभी 28 आरोपी बरी, 11 वर्ष पुराने मामले पर कोर्ट का फैसला सामने आया

अस्पताल कांड के आरोपी पूर्व विधायक व नपा अध्यक्ष सहित सभी 28 आरोपी बरी, 11 वर्ष पुराने मामले पर कोर्ट का फैसला सामने आया

सुनील कुमार माहौर (ईन्यूज एमपी)श्योपुर - बहुचर्चित अस्पताल कांड में शुक्रवार को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश एमएस चन्द्रावत ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। इस मामले पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहानए पूर्व नपा अध्यक्ष ओम राठौरए कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष रामलखन हिरनीखेड़ाए भाजपा जिला महामंत्री रामलखन नापाखेड़लीए नगर अध्यक्ष दिनेश सिंहल एवं कई नेता व व्यापारियों सहित कुल 29 आरोपी थे जिनमें से एक की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। कोर्ट के फैसले को सभी दोषियों ने सच्चाई की जीत बताया तो मामला दर्ज करवाने वाले तत्कालीन सिविल सर्जन ने फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा किए अभी यह मामला खत्म मत समझिए। इस मामले में सरकार की ओर से पैरवी एडवोकेट राजेश जाधव और दोषियों के वकील ओपी गुप्ता व केएन विजय थे।
11 साल पहले 1 जून 2007 शुक्रवार को शहर के व्यापारी प्रशांत ट्रेडर्स के मुनीम प्रकाशचंद गर्ग बैंक से पैसा निकालकर बाहर निकले तभी दो बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी। घायल मुनीम प्रकाशचंद को जिला चिकित्सालय ;पुराने जिला अस्पताल लाया गया लेकिनए वहां इलाज के लिए डॉक्टर नहीं मिले। उस समय सीएमएचओ डॉ. एके दीक्षित मीटिंग में थे इसी दौरान किसी ने कह दिया कि सिविल सर्जन डॉण् डॉ. आरके मिश्रा शराब के नशे में धुत होकर अपने घर में पड़े हैं। अस्पताल में तड़प रहे मुनीम की हालत देख लोग उग्र होने लगे। कुछ देर बाद ही भीड़ आक्रोशित हो गई और सबसे पहले सीएमओ डॉ. दीक्षित को मीटिंग से और सिविल सर्जन डॉ. मिश्रा को उनके घर में पकड़कर पीट दिया। इसके बाद भीड़ और ज्यादा उग्र हुई और अस्पताल परिसर में खड़े चार वाहनों को आग लगा दी। इसके बाद पूरा शहर बंद हो गया। भीड़ ने गुलंबर व जयस्तंभ क्षेत्र में चक्काजाम कर दिया था।

वहीं इस मामले के दोषी बनाए गए पूर्व विधायक बृजराज सिंह चौहान ने कहा कि यह जनहित का मामला था जिसका हमने गांधीवादी तरीके से विरोध किया था। कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए झूठे केस में फंसा दिया था। न्यायालय में वह झूठ आज हार गया।
ओम राठौर पूर्व नपाध्यक्ष ने कोर्ट के फैसले आने पर कहा कि हमें शुरू से ही न्यायालय पर भरोषा था क्योंकिए हमने कोई अपराध नहीं किया। मामले में आरोपी बनाए गए सभी लोग बेकसूर थे यह बात आज न्यायालय ने भी साबित कर दी।

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