enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश केंद्र सरकार का फार्मूला, जमीन दो सड़क लो

केंद्र सरकार का फार्मूला, जमीन दो सड़क लो

भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे हो या चंबल एक्सप्रेस-वे या फिर भोपाल-सागर सड़क, इन्हें बनाने में केंद्र सरकार पूरा पैसा लगाएगी। इसके लिए बस शर्त यह रहेगी कि जमीन का इंतजाम राज्य सरकार को करना होगा।

भारत माला परियोजना के लिए केंद्र सरकार ने जो फार्मूला बनाया है, उसके तहत जमीन की उपलब्धता पर ही सड़क स्वीकृत की जाएगी। प्रदेश सरकार ने करीब आधा दर्जन सड़कों को परियोजना में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की ओर से भी इसके लिए पत्र लिखा गया है।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारत माला परियोजना में प्रदेश की ज्यादा से ज्यादा सड़कें शामिल कराने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।

दरअसल, इन सड़कों का निर्माण उच्च गुणवत्ता का होगा और पूरी राशि केंद्र सरकार लगाएगी। राज्य सरकार को बस जमीन का इंतजाम करके देना होगा। अभी तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जितने भी राष्ट्रीय राजमार्ग बनाता है, उसके लिए भूमि अधिग्रहण की राशि भी देता है, लेकिन इस परियोजना में ऐसा नहीं है। जमीन का इंतजाम करने में जो भी खर्च होगा, वो राज्य सरकार को लगाना होगा।

पिछले माह लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह ने दिल्ली जाकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसमें भोपाल-सलामतपुर-सांची-सागर, बुधनी-रेहटी-नसरुल्लागंज-खातेगांव और सिवनी-बालाघाट-गोंदिया सड़क को परियोजना में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था।

वहीं, मुख्यमंत्री की घोषणा पर भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे को भी भारत माला परियोजना में जोड़ने की मांग भेजी गई है। मांग पत्र में चंबल एक्सप्रेस-वे भी शामिल है। विभाग के प्रमुख अभियंता अखिलेश अग्रवाल ने बताया कि भारत माला परियोजना की अवधारणा दूसरी परियोजनाओं से अलग है। इसमें जमीन का इंतजाम करने का जिम्मा पूरी तरह से राज्य का रखा गया है।

दो घंटे का रास्ता रह जाएगा भोपाल-इंदौर

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे बने। इससे भोपाल और इंदौर के बीच यात्रा का समय दो घंटे के आसपास हो जाएगा। यह सड़क फोरलेन होने के साथ इस तरह होगी कि यातायात में किसी प्रकार का अवरोध पैदा न हो।

Share:

Leave a Comment